Not known Factual Statements About Shodashi

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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

The Sri Chakra can be a diagram formed from 9 triangles that surround and emit out from the central place.

क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥

An early morning bath is considered crucial, accompanied by adorning clean outfits. The puja place is sanctified and decorated with bouquets and rangoli, developing a sacred House for worship.

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

The Tale is often a cautionary tale of the strength of want and the requirement to produce discrimination through meditation and pursuing the dharma, as we progress inside our spiritual path.

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥

वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च website दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।

सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥

मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं

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